SSC Exams 2025: राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय नौकरी के लिए एसएससी (Staff Selection Commission) की परीक्षाएं लाखों युवाओं के लिए रोजगार का जरिया हैं। परंतु पिछली कुछ प्रक्रियाओं में हुए विलंब एवं विवादों ने उम्मीदवारों के बीच एक संदेह की स्थिति पैदा कर दी थी। ऐसे में SSC के चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने उस देरी की वजहों, हालिया बदलती प्रणालियों और भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी सुधार की जानकारी दी है।
यह लेख SSC में हुए बदलावों जैसे कि लंबे समय तक परीक्षा करवाने वाले विक्रेता TCS से हटकर नए वेंडर Eduquity पर शिफ्ट होना, कड़ी सुरक्षा के उपाय और आधार आधारित पंजीकरण प्रणाली के प्रभाव को समझाने का प्रयास करता है।
SSC भर्ती में देरी के पीछे कारण क्या हैं?
SSC की अनेक परीक्षाएं जैसे CGL, CHSL, MTS और Constable लाखों उम्मीदवारों को आकर्षित करती हैं लेकिन पंजीकरण में गिरावट आ रही है। इसके मुख्य कारण में Aadhaar आधारित सख्त प्रमाणीकरण शामिल है जिससे डुप्लीकेट आवेदन रोकने में मदद मिली है।
पहले कई बार एक उम्मीदवार 5-10 आवेदन तक कर सकता था, लेकिन अब सिर्फ एक ही आवेदन स्वीकार होगा। इससे कुल आवेदन कम हुए लेकिन गुणवत्ता में सुधार होगा।
नया परीक्षा वेंडर: TCS से Eduquity तक का सफर
- TCS ने 2018 से SSC परीक्षाओं का संचालन किया था, लेकिन उनका कांट्रैक्ट 2023 में समाप्त हो गया।
- 2024-25 के लिए कांट्रैक्ट बढ़ाया गया, लेकिन बाद में नई टेंडर प्रक्रिया के बाद Eduquity को नया परीक्षा वेंडर चुना गया।
- Eduquity केवल टेस्ट डिलीवरी (परिक्षा संचालन) का काम संभालती है और उनके पास प्रश्न पत्र की जानकारी नहीं होती।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अब परीक्षा से जुड़े चार अलग-अलग संगठन काम करते हैं: प्रश्न पत्र निर्माण, परीक्षा संचालन, निगरानी और सुरक्षा।
- पहले TCS ही परीक्षा की सुरक्षा भी देखता था जिसमें खराबियां थीं, अब सुरक्षा व्यवस्था सुधार के लिए अलग एजेंसियां लगाई गई हैं।
सुरक्षा और निगरानी में सुधार
SSC ने परीक्षा में नकल, प्रमाणीकरण धोखाधड़ी और अन्य कदाचार को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग शुरू किया है।
- विशेष शिफ्ट में उन उम्मीदवारों को फिर से परीक्षाएं देनी पड़ती हैं जिन पर नकल का संदेह होता है।
- नई तकनीकी निरीक्षण पद्धति से परीक्षाओं की विश्वसनीयता में वृद्धि हुई है।
- परीक्षा केंद्रों के लिए ‘आदर्श परीक्षा केंद्र’ (Adarsh Pariksha Kendras) विकसित किए जा रहे हैं, जो उम्मीदवारों के लिए उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
SSC में पंजीकरण में कमी क्यों हुई?
- Aadhaar आधारित पंजीकरण के कारण कई पुराने और डुप्लीकेट आवेदन रद्द हो गए।
- SSC CGL में इस साल 28 लाख आवेदन आए, जबकि पिछले साल 34 लाख थे।
- Constable परीक्षा में लगभग 60 लाख आवेदन आते हैं, लेकिन 20-25 लाख उम्मीदवार ही परीक्षा में शामिल होते हैं।
उत्तर भारत में SSC की परीक्षा व्यवस्था
SSC परीक्षाएं पूरे देश में लगभग 300 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 30-40 शिफ्ट्स में आयोजित होती हैं।
- परीक्षा के दौरान नेटवर्क से डेटा चोरी को रोकने के लिए तकनीकी निगरानी तैनात की जाती है।
- उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कड़े एक्सेस नियंत्रण लगाए गए हैं।
SSC उम्मीदवारों के लिए क्या बदलाव आएंगे?
- भर्ती प्रक्रिया को छोटा और पारदर्शी बनाने के लिए मल्टी एजेंसी मॉडल लागू किया गया है।
- आधार बेस्ड पंजीकरण से फर्जी और डुप्लीकेट पंजीकरण खत्म हो रहे हैं।
- तकनीकी निरीक्षण बढ़ाकर परीक्षा प्रक्रिया को विश्वसनीय और सुरक्षित बनाया जा रहा है।
- कोर्ट के आदेशों और तकनीकी सुधारों से नियमित और जल्द रिजल्ट घोषणा संभव हो पाएगी।
Q1: SSC ने अपना परीक्षा वेंडर क्यों बदला?
A: TCS का कांट्रैक्ट समाप्त होने के बाद नई प्रक्रिया के तहत Eduquity को नया परीक्षा संचालन एजेंट बनाया गया।
Q2: Eduquity क्या करता है?
A: Eduquity केवल टेस्ट डिलीवरी पार्टनर है, उन्हें प्रश्नपत्र की जानकारी नहीं है और वे केवल परीक्षा संचालन करते हैं।
Q3: SSC में आवेदन क्यों कम हुए?
A: Aadhaar आधारित सत्यापन के कारण डुप्लीकेट आवेदन खत्म हुए, इसलिए आवेदन संख्या में गिरावट आई।
Q4: SSC में सुरक्षा कैसे बढ़ाई गई है?
A: तकनीकी निगरानी, विशेष अनुशासनिक शिफ्ट, और अलग-अलग एजेंसियों द्वारा प्रश्नपत्र निर्माण, परीक्षा संचालन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
Q5: क्या SSC की भर्ती प्रक्रिया अब तेज हो जाएगी?
A: हाँ, मल्टी एजेंसी मॉडल और आधार सत्यापन से भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी।