Ladki Bahin Yojana Latest Update: महाराष्ट्र की राजनीति और वित्तीय नीतियों में हलचल मच गई है। बीजेपी की अगुवाई वाली महा-युति सरकार ने पिछले एक वर्ष में आठ योजनाओं पर ताला जड़ दिया है, जिससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि महिलाओं को सशक्त बनाने वाली ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Ladki Bahin Yojana)’ का क्या होगा? क्या यह भी आर्थिक संकट की भेंट चढ़ जाएगी? जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे “बंद न होने की गारंटी” देते हुए राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है.
लाडकी बहिन योजना महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक कल्याण योजना है, जिसके तहत राज्य की 21 से 65 वर्ष की महिलाएं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख से कम है, उन्हें ₹1,500 प्रति माह (₹18,000 सालाना) की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में भेजी जाती है। यह योजना जून 2024 में शुरू की गई थी और अब तक 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है.
अब तक बंद की गई 8 योजनाएं
शिंदे सरकार के दौर में शुरू हुई कई लोकलुभावन योजनाएं अब इतिहास बन चुकी हैं। इनमें शामिल हैं:
- आनंदाचा शिधा योजना
- मेरा सुंदर स्कूल योजना
- ₹1 में फसल बीमा योजना
- स्वच्छता मॉनिटर प्रकल्प
- 1 राज्य 1 वर्दी योजना
- प्यारे भाई अप्रेंटिसशिप योजना
- योजना दूत योजना
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
इन योजनाओं के बंद होने से विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “राजकोष पर लाडकी बहिन योजना का इतना दबाव है कि अन्य योजनाओं को बंद करना पड़ रहा है।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि और आर्थिक असर
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लाडकी बहिन योजना विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन के लिए “गेमचेंजर” साबित हुई थी। महिलाओं की भारी वोटिंग ने बीजेपी-शिंदे सरकार को स्पष्ट बहुमत दिलाया। लेकिन अब वित्तीय स्थिति कमजोर होने और मराठवाड़ा में आई बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते, सरकारी खजाने पर भारी बोझ बढ़ गया है।
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार, अब तक ₹410 करोड़ की नई निधि लाडकी बहिन योजना के लिए जारी की जा चुकी है ताकि अक्टूबर की किस्त समय पर जमा हो सके। वहीं, सरकार ने आश्वासन दिया है कि किसी भी हालत में यह योजना बंद नहीं होगी.
घोटाले और अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई
हालिया आरटीआई रिपोर्ट्स से खुलासा हुआ है कि इस योजना के तहत 12,431 पुरुषों और 77,980 महिलाओं को गलत तरीके से लाभ मिला, जिससे सरकार को ₹164.52 करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर कर दिया है और राज्यव्यापी ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि सिर्फ वास्तविक पात्रों को ही भुगतान मिले.
ई-केवाईसी प्रक्रिया में उन महिलाओं को कठिनाई हो रही है जिनके पिता या पति का निधन हो चुका है, क्योंकि नई नीति के तहत लाभ पाने के लिए पति या पिता का आधार नंबर अनिवार्य किया गया है। ऐसे मामलों के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने दो माह की अतिरिक्त मोहलत दी है.
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मुख्यमंत्री शिंदे ने दी “बड़ी गारंटी”
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “लाडकी बहिन योजना किसी भी सूरत में बंद नहीं होगी। यह योजना हमारी सरकार के दिल के बेहद करीब है। महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, यह हमारा लक्ष्य है। महिलाओं का सशक्तिकरण ही महाराष्ट्र की विकास यात्रा का आधार है।”
वित्तीय दृष्टिकोण से प्रभाव
राज्य सरकार पर इस योजना का हर महीने सैकड़ों करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ता है। हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह निवेश दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता ला सकता है, क्योंकि इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की क्रय शक्ति (purchasing power) में इजाफा हुआ है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ी है, जो अंततः राज्य के राजस्व प्रवाह के लिए सकारात्मक है।
FAQs
प्रश्न 1. लाडकी बहिन योजना क्या है?
यह महाराष्ट्र सरकार की महिला सशक्तिकरण योजना है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को ₹1,500 मासिक आर्थिक सहायता मिलती है।
प्रश्न 2. क्या लाडकी बहिन योजना बंद हो जाएगी?
नहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कहा है कि लाडकी बहिन योजना किसी स्थिति में बंद नहीं होगी।
प्रश्न 3. इस योजना का लाभ किन महिलाओं को मिलता है?
21 से 65 वर्ष की सभी महिलाएं जिनकी पारिवारिक आय ₹2.5 लाख से कम है, पात्र हैं।
प्रश्न 4. ई-केवाईसी अनिवार्य क्यों की गई है?
ई-केवाईसी प्रक्रिया से अपात्र लाभार्थियों को हटाकर वास्तविक महिलाओं तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रश्न 5. इस योजना से महाराष्ट्र सरकार पर कितना वित्तीय भार है?
लगभग ₹400-₹500 करोड़ का मासिक खर्च अनुमानित है, जिसका उद्देश्य महिला स्वावलंबन को बढ़ावा देना है।
प्रश्न 6. लाडकी बहिन योजना से कितनी महिलाओं को लाभ मिला है?
अब तक राज्य की लगभग 1 करोड़ से अधिक महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हुई हैं।
प्रश्न 7. क्या ई-केवाईसी करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई है?
हाँ, महिला एवं बाल विकास विभाग ने दो महीने की अतिरिक्त मोहलत दी है।
प्रश्न 8. इस योजना में अब तक क्या गड़बड़ी सामने आई है?
आरटीआई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि 12 हजार से अधिक पुरुषों ने गलती से इस योजना का लाभ लिया था।
प्रश्न 9. इस योजना का राजनीतिक महत्व क्या है?
लाडकी बहिन योजना ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में महायुति सरकार को अभूतपूर्व समर्थन दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
प्रश्न 10. आगे इस योजना में क्या सुधार किए जा रहे हैं?
राज्य सरकार लाभार्थियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल वेरीफिकेशन और आधार-लिंक्ड भुगतान प्रणाली लागू कर रही है।
