Diwali Green Fire Crackers: दिवाली आने वाली है — रौशनी, मिठाई और उत्सव का त्योहार। लेकिन इस बार दिल्ली-एनसीआर की हवा में एक अलग ही संदेश तैर रहा है — “प्रदूषण मुक्त खुशियाँ”। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद इस बार पटाखों की चमक के साथ साथ जागरूकता की आवाज़ भी गूंजेगी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को कहा कि इस दिवाली दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी जाएगी, लेकिन सख्त नियमों के तहत। यह फैसला न सिर्फ उत्सव के आनंद को बनाए रखने के लिए है, बल्कि शहर की हवा की सेहत के लिए भी बेहद अहम है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: परंपरा और पर्यावरण में संतुलन
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने 15 अक्टूबर 2025 को अपने आदेश में कहा कि “चूंकि अवैध पटाखे ज़्यादा नुकसान करते हैं, इसलिए हम सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखों को अनुमति दे रहे हैं।”
- केवल सीएसआईआर-नीरी (CSIR-NEERI) द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति।
- समय सीमा: 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक।
- पटाखे फोड़ने का समय: सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हर दिन AQI (Air Quality Index) रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देनी होगी।
- नकली “ग्रीन पटाखे” बेचने वालों की लाइसेंस रद्द कर दी जाएगी।
क्या हैं ग्रीन पटाखे (Green Firecrackers)?
ग्रीन पटाखे दरअसल पर्यावरण अनुकूल आतिशबाज़ियाँ हैं, जिन्हें भारतीय वैज्ञानिक संस्था सीएसआईआर-नीरी ने विकसित किया है। इनका उद्देश्य है – खुशियों की रौशनी के साथ प्रदूषण को कम करना।
ग्रीन पटाखों की खासियत
- इनमें बेरियम नाइट्रेट, सल्फर या भारी धातुएँ नहीं होतीं।
- इनके निर्माण में प्रयोग होता है पोटैशियम नाइट्रेट, जो पारंपरिक रासायनों से कम प्रदूषण फैलाता है।
- ये 30% से 40% कम धूल के कण (PM 2.5) और 20-30% तक कम हानिकारक गैसें (SO₂, NO₂) छोड़ते हैं।
- इनकी आवाज़ की सीमा 125 डेसिबल से कम रखी गई है।
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ग्रीन बनाम पारंपरिक पटाखे
विशेषता | ग्रीन पटाखे | पारंपरिक पटाखे |
---|---|---|
प्रदूषण स्तर | 30-40% कम PM और गैस उत्सर्जन | अत्यधिक प्रदूषण पैदा करते हैं |
रासायनिक तत्व | बिना बैन किए गए धातु, सुरक्षित यौगिक | बेरियम, एल्युमिनियम, और भारी लौह तत्व |
शोर स्तर | 125 डेसिबल या कम | कई बार 140 डेसिबल से ज़्यादा |
पहचान | सीएसआईआर-नीरी लोगो और क्यूआर कोड | कोई प्रमाणन नहीं |
पर्यावरण प्रभाव | कम धुआँ, कम कार्बन उत्सर्जन | वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है |
ऐसे पहचानें असली Green Firecrackers
बाज़ार में कई नकली “ग्रीन” नाम से बेचे जाने वाले पटाखे भी आते हैं। इसलिए पहचान जरूरी है।
- पैक पर CSIR-NEERI का लोगो जरूर देखें।
- उसके ठीक नीचे QR Code होगा — इसे “CSIR NEERI Green QR Code” ऐप (Google Play Store) से स्कैन करें।
- ऐप बताएगा कि यह उत्पाद असली और अनुमोदित है या नहीं।
- बिना लोगो या नकली कोड वाले पटाखे खरीदना या जलाना गैरकानूनी है।
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कैसे मनाएँ Green Diwali
- LED दीये और सौर लाइटों का इस्तेमाल करें।
- मिट्टी के दीये और स्थानीय उत्पाद खरीदकर शिल्पकारों को सहयोग करें।
- गिफ्ट में पौधे या बीज दें — “Eco Gift” ट्रेंड बढ़ाएं।
- पटाखे जलाने के निर्धारित समय का पालन करें।
- अपनों के साथ साझा उत्सव मनाएँ — जिससे कुल प्रदूषण कम हो।
1. ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?
ये पर्यावरण-अनुकूल पटाखे होते हैं, जिनसे पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30-40% कम प्रदूषण निकलता है।
2. इन्हें कैसे पहचाने?
सीएसआईआर-नीरी का लोगो और QR कोड जाँचें और आधिकारिक ऐप से स्कैन करें।
3. दिल्ली-एनसीआर में इन्हें कब फोड़ा जा सकता है?
18 से 21 अक्टूबर के बीच — सुबह 6-7 बजे और रात 8-10 बजे के बीच।
4. क्या ये पूरी तरह प्रदूषण मुक्त हैं?
नहीं, लेकिन पारंपरिक पटाखों के मुकाबले काफी कम प्रदूषण फैलाते हैं।
5. क्या ऑनलाइन ग्रीन पटाखे खरीदे जा सकते हैं?
सिर्फ प्रमाणित ऑनलाइन विक्रेताओं से। हमेशा पैकिंग और QR कोड जांचें।
6. अगर कोई नकली ग्रीन पटाखे बेचता है तो?
उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई होगी